Jab se hum tabah ho gaye
Tum jahan-panah ho gaye
Husn par nikhaar aa gaya
Aayine se aah ho gaye
Aandhiyon ki kuch khata nahin
Ham hi dard-e-raah ho gaye
Dushmanon ko chitthiyan likho
Dost khair-baah ho gaye
Album: Ecstasies (1984)
By: Jagjit Singh and Chitra Singh
Lyrics: Bekal Utsahi
जब से हम तबाह हो गये
तुम जहाँपनाह हो गये
हुस्न पर निखार आ गया
आईने सियाह हो गये
आँधियों को कुछ पता नहीं
हम भी गर्द-ए-राह हो गये
दुश्मनों को चिट्ठियाँ लिक्खो
दोस्त ख़ैर-ख़्वाह हो गये
तुम जहाँपनाह हो गये
हुस्न पर निखार आ गया
आईने सियाह हो गये
आँधियों को कुछ पता नहीं
हम भी गर्द-ए-राह हो गये
दुश्मनों को चिट्ठियाँ लिक्खो
दोस्त ख़ैर-ख़्वाह हो गये
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By: Jagjit Singh and Chirta Singh
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